इसी बीच यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि अब कुछ कर के देखें, इन्हें आटे-दाल का भाव मालूम चल जाएगा. अब पुराने दिन गए, इन पर उचित कार्रवाई की जाएगी, इन्हें मिट्टी में मिलाया जाएगा. यह ऐतिहासिक कार्रवाई है, अतीक की पत्नी शाहिस्ता और बेटे असद पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. जब अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम हिरासत में लेने पहुंची तो उन्होंने साबरमती जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया. टीम ने जेल अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनकी हिरासत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी की जरूरत है.
अतीक अहमद 2005 में हुई बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है और उस पर हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का भी आरोप है. बता दें कि माफिया अतीक अहमद 28 मार्च को सुबह 11 बजे एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा. अतीक अहमद पर धूमनगंज थाने में दर्ज मुकदमे में 28 मार्च को फैसला सुनाया जाना है. इसके अलावा उमेश पाल अपहरण केस में भी कोर्ट का फैसला आना है.
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