Dussehra Shiv Sena vs Shiv Sena Rally: बालासाहब ठाकरे की सेना में हिन्दू गद्दार बनाम गदर पर हुई दसहरा रैली

 



महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना की जंग का तेवर लगातार बदलता जा रहा है। विधायकों, सांसदों को अपने पाले में करने का टकराव अब बढ़ते-बढ़ते दशहरा के जश्न और पार्टी पर हक तक पहुंच गया है। हालांकि, जहां शिवाजी पार्क में दशहरा आयोजित कराने की जंग में शिवसेना को जीत मिली है, तो वहीं पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग जल्द ही समीक्षा शुरू कर सकता है। इस बीच ठाकरे शिवसेना और एकनाथ शिंदे की शिवसेना की गहराती लड़ाई के बीच भाजपा पूरे राजनीतिक घटनाक्रम से ही गायब नजर आ रही है।


ऐसे में यह जानना अहम है कि दशहरा के दिन जब उद्धव ठाकरे के समर्थन वाला शिवसेना का धड़ा शिवाजी पार्क में जबरदस्त आयोजन कर रहा है और दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे की शिवसेना उन्हें बीकेसी मैदान में दशहरा रैली के जरिए चुनौती दे रही है, उस बीच भाजपा क्या कर रही है? महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस मौके पर कहां हैं? वे एकनाथ शिंदे के साथ बीकेसी मैदान में दशहरा आयोजन में शामिल क्यों नहीं हुए? आइये जानते हैं...

दशहरा रैली में शिवसेना के बीच जंग किस बात की?

गौरतलब है कि शिवसेना के दोनों धड़ों के बीच पहले शिवाजी पार्क में ऐतिहासिक दशहरा रैली करने के लिए जंग छिड़ी थी। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के आयोजन को पार्टी की ताकत दिखाने का अवसर बनाया था। उनके नेता शिवाजी पार्क से अपनी बात रखते हैं। 1966 से शुरू ये चलन अनवरत जारी है। 2012 तक लगातार इस रैली को बाला साहब ठाकरे संबोधित करते रहे। उनके निधन के बाद 2013 से इस रैली को उद्धव ठाकरे संबोधित करते रहे हैं।

हालांकि, इसी साल शिवसेना के बंटने के बाद दोनों धड़े शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन को लेकर भिड़ गए। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव गुट को यहां रैली की इजाजत दे दी। बदले में महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने भी बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के मैदान में दशहरा रैली के जरिए अपने धड़े की ताकत दिखाने का फैसला किया। ऐसा पहली बार होगा जब शिवसेना की दो दशहरा रैलियां होंगी। 

दशहरा रैली से कहां गायब है भाजपा?

चूंकि, दशहरा रैली अब तक पूरी तरह शिवसेना के दो धड़ों के बीच ताकत दिखाने का मसला बना है, इसलिए भाजपा ने इस पूरे आयोजन से ही दूरी बना रखी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्योंकि यह पूरी तरह शिवसेना का आयोजन था और न कि कोई सरकारी या चुनावी आयोजन, इसलिए एकनाथ शिंदे गुट ने भाजपा नेताओं को बीकेसी मैदान में की जा रही दशहरा रैली के लिए न्योता भी नहीं दिया था। ऐसे में पार्टी के बड़े नेता और उपमुख्यमंत्री खुद भी इस आयोजन से गायब रहे। 

देवेंद्र फडणवीस इस मौके पर कहां हैं?

एकनाथ शिंदे को समर्थन देकर सरकार बनाने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दशहरा पर जारी इस पूरे वाद-विवाद से ही गायब हैं। बताया गया है कि फडणवीस फिलहाल नागपुर में हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय में विजयदशमी उत्सव में हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के अन्य नेता भी अपने-अपने क्षेत्रों में दशहरा का जश्न मनाने में जुटे हैं।

उपमुख्यमंत्री होते हुए भी क्यों नहीं पहुंचे कार्यक्रम में?

ऐसा माना जा रहा है कि शिवसेना के दो धड़ों के बीच लड़ाई में भाजपा सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आना चाहती। दरअसल, शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच इस टकराव के जारी रहने से भाजपा को सीधे तौर पर कोई नुकसान नहीं है, बल्कि इस जुबानी जंग के बीच भाजपा की चुप्पी आगामी बृहनमुंबई महानगरपालिका चुनाव में भाजपा की राह आसान कर सकती है। शिवसेना काफी समय तक मुंबई के शहरी क्षेत्र में मजबूत रही है। ऐसे में भाजपा उम्मीद जता रही है कि शिवसेना के दो धड़ों की जंग से निराश इस पार्टी के वोटर आगे भाजपा को अपनी पसंद के तौर पर स्थापित कर सकते हैं।

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