सांताक्रुज पूर्व में स्थित हनुमान टेकड़ी सिद्ध हनुमान मंदिर की चर्चा आदिकाल से है। जांहा पर लोगो की कई मन्नते त्रिमुखी हनुमान स्वयम्भू पूर्ण करते है। कहावत है कि यह मंदिर में हनुमान जी की स्थापना भीम की पत्नी हीडम्भी ने किया था। जो कि इतिहाश काल मे एक पहाड़ था धीरे धीरे यह अब समतल हो गया।
यह मंदिर एक्सप्रेस हाईवे के किनारे स्थित है।जांहा पर भक्त अपनी दुःख को काटने चिन्तो से राहत पाने के लिए प्रत्येक शानिवार मंगलवार दर्शन दान धर्म के लिए आते है। मंदिर के सिद्ध योगी ओमदास जी बताते है कि दे यँहा पर भक्त अपनी आयी हुई विपदाओं और ग्रहों की प्रताणना को कम करने पीड़ा को हराने के लिए छोटे हो या बड़े लोग नेता मिनिस्टर और मठाधीस जैसे लोग आते दर्शन के लिए आते है। योगी ओमदास जी कहते है कि एक बार अटल बिहारी वाजपेयी जी भी यँहा आये थे जांहा से उन्हें कमल का फूल की चिनाव निशानी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था और बीजेपी सत्ता में आई थी। एक समय भक्तों की जैसे ही मन्नत पूर्ण होती है वे मंगलवार या नौरात्री में या पुण्य दिन ऐसा ही भंडार करते है।
जांहा पर सैकड़ो गरीब जो भूख से सड़कों रेलवे पटरियों,फुटपाथ पर भूख सोते है उन्हें भोजन से राहत मिलती है। हनुमान टेकड़ी से प्रसिद्ध यह मठ की चर्चा चमत्कार कई लोग कहते है। कई लोगो को अर्श से फर्श पर और ऊंची बुलंदियों पर पहुंचे है। कई लोग कोर्ट मुकदमे जैसे गंभीर मामलों में भी गुहार लगाते है बाई इज्जत बरी हुए है कई चमत्कार की अनुभूति के बारे में लोग बताते है। मंदिर के रस्वयं के रसोइए से बनाने वाला पवित्र भोजन वितरण कार्य स्वेक्षा से लोग अपने शक्ति अनुसार करते है। हनुमान जी के इस चमत्कारी अद्भुत मंदिर की चर्चा गुजरात,महारास्ट्र, राजस्थान,मध्यप्रेदश, कलकत्ता कामख्या कामरू तक विख्यात है। *PRSS NEWS संपादक पवन पाठक रिपोटर :-संदीप सिंह मोब 7977317941*
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