मुम्बई सांताक्रुज पूरब में एक गैंग अनुदान मांगने वाली सक्रिय है जिससे लोगो को सावधान रहना चाहिए ।जो लॉकडवून का फायदा उठाकर गरीब बच्चो के शिक्षा के नाम पर कई शहरों में अनुदान के नाम पर लूट कर रहा है। सह्याद्रि विकाश मंडल के नाम पर कांच के डब्बा लेकर एक एक टीम बनाकर मार्केटिंग कंपनी के सेल्स मैंनो को अब सिग्नल,बाजार,सड़क पर शिक्षा के नाम पर भीख मांगने मदद करने के लिए एक बड़ी गैंग सक्रिय हुई है। ऐसा ही एक गैंग हमारे पत्रकार से मिली जिसके लिए हम 100रुपया अनुदान देने पर तैयार थे। लेकिन जैसे ही देखा की दान लेने वालों के पास किसी संस्था का आयी डी कार्ड नही है ।वैसे ही मुझे शक हुवा ।और मैं मंडल के ngo के रजिस्ट्रेशन नम्बर मांगा लेकिन मुझे एक सिटी मोर मार्केटिंग कंपनी का कार्ड बताया गया।मैं समझ गया कि कोरोना कॉल का फायदा उठाकर मार्केटिंग कम्पनिया एमोसनल वसूली चालू की है। गेश वशूली कांड में प्रोफेनल लड़के लडके लड़किया सामिल है।हमारा पी आर यस यस मीडिया टीम ने लुटेरी गैंग की पूरी जांच की लेकिन सह्याद्रि विकाश मंडल और मांगने वाले सभी फर्जी निकले। जिसके बाद 100 no हेल्प लाइन पुलिस को सूचना दी गयी।पुलिस को देख यह गैंग सांताक्रुज से भाग गया। काफी खोजने के बाद वे तीन बंटी बबली गैंग नही दिखे। जिसके बाद विले पारले एक्सप्रेस हाईवे पर भी ऐसा ही सूटबूट वाला गैंग देखने को मिला जो कांच के डब्बा लेकर भिखारियों की जगह अनुदान मांग रहा था। मेरा जांच पूरा हुवा पोलीस की निगाहों के सामने ऐसे लोग प्रोफेनल तरीके से लोगो को एमोसनल कर बच्चो का फोटो दिखाकर शिक्षा के नाम पर लूट कर रहे है। ऐसे में लोगो को जगना और जगाना होगा कि उनका एक एक रुपया महत्वपूर्ण है। सही जगह पर सगी लोगो तक मदद के लिए अनुदान पहुंचे। आप सोचने की बात है जिस मंडल ,संस्था का कोई रिकॉर्ड नही है उसे आपका दान देना ठीक नही है। यह दान हमारा कंही हमारे शहर को दहलाने वाली या गलत लोगो को मदद के लिए तो नही जारहा है यह जानना जरूरी होता है। ऐसे में सरकार और पोलीस से भी मांग है कि ऐसे लोगो और उनकी मार्केटिंग कंपनी पर तत्काल करवाही करे और जांच करे कि ये लोग कौन है जो स्कूल,शिक्षा के नाम पर अनुदान मांग रहे है। ऐसे लोगो से हमे सावधान रहना होगा। ऐसा कोई भी घटना आपको बरगलाने वाला दिखे तो आप पोलीस को सूचना जरूर दे।
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