जौनपुर। शरद नवरात्रि के पावन अवसर पर जिले के तियरी पारा ग्राम स्थित माता वैष्णव देवी मंदिर में सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना और भव्य श्रृंगार किया गया। माता वैष्णव देवी तीन पिंडियों के रूप में यहाँ विराजमान हैं और उनके साथ बाबा कालभैरव तथा लंगूर वीर हनुमान भी भक्तों को दर्शन देते हैं।
मंदिर के रखरखाव का कार्य “माँ वैष्णव देवी जौनपुर ट्रस्ट” द्वारा किया जाता है। मंदिर के संस्थापक और मुख्य पुजारी पंडित ओमप्रकाश चौबे (मठाधीस) ने बताया कि यह मंदिर न केवल जौनपुर बल्कि पूर्वांचल के अन्य जिलों – आज़मगढ़, वाराणसी और सुल्तानपुर – के भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है।
भक्तों की भीड़ और आस्था
नवरात्रि की नवमी तिथि पर सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। बड़ी संख्या में महिलाएँ, युवा और बच्चे माता के दर्शन के लिए पहुँचे। भक्तों ने हवन-पूजन कर परिवार और समाज की मंगलकामनाओं के लिए आहुति दी।
स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि माता वैष्णव देवी के दरबार में हर वर्ष नवरात्रि पर विशेष श्रृंगार होता है। मान्यता है कि माता के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। कई परिवारों ने दावा किया कि माता की कृपा से उनकी संतानों की प्राप्ति हुई, आर्थिक संकट दूर हुए और ग्रहदोष की बाधाएँ समाप्त हुईं।
मंदिर की विशेषता
मंदिर की सबसे अनोखी परंपरा कालभैरव से जुड़ी है। माना जाता है कि यहाँ काला स्वान (कुत्ता) कालभैरव के वाहन के रूप में पहरा देता है। जब तक भक्त आरती और प्रसाद ग्रहण नहीं कर लेते, यह स्वान मंदिर परिसर में डटा रहता है और बाद में ही हटता है।
अद्भुत श्रृंगार
श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार माता वैष्णव देवी का अष्टभुजा स्वरूप का श्रृंगार किया गया, जो अत्यंत मनोहारी रहा। मंदिर के द्वार पर दाहिने कोने में हनुमान जी और कालभैरव का भी विशेष श्रृंगार किया गया।
श्रद्धालु माता की प्रतिमाओं और भव्य सजावट को देखकर भाव-विभोर हो उठे और "जय माता दी" के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा।
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