मोरबी का यह झूलता पुल 140 साल से भी पुराना है और इसकी लंबाई लगभग 765 फीट है. 20 फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल के हाथों इस पुल की नींव रखी गई थी. बताया जाता है कि उस समय इस पुल के निर्माण में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का खर्च आया था. यह पुल दरबारगढ़ से नजरबाग को जोड़ता है, जिसे बनाने के लिए तब इंग्लैंड से सामान मंगाया गया था.
अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी जिले में रविवार शाम बड़ा हादसा हो गया. यहां यहां मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया. हादसे के वक्त ब्रिज पर करीब 500 लोग मौजूद थे, जिसमें से 100 लोग नदी में गिर गए. स्थानीय सिविल अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में कम से कम 32 लोग की मौत हुई है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, जबकि घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है. वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह पटेल ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये, जबकि घायलों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है.
जानकारी के मुताबिक, मच्छु नदी पर बना यह केबल ब्रिज काफी पुराना था. इसे हेरिटेज ब्रिज में शुमार किया जाता था. दिवाली के बाद गुजराती नए साल पर ही मरम्मत के बाद इसे दोबारा खोला गया था. जानकारी के मुताबिक, मरम्मत के लिए पुल करीब 7 महीने तक बंद था. इसे दो दिन पहले ही खोला गया. फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 100 लोगों की निकालने की कोशिश की जा रही है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
PM @narendramodi spoke to Gujarat CM @Bhupendrapbjp and other officials regarding the mishap in Morbi. He has sought urgent mobilisation of teams for rescue ops. He has asked that the situation be closely and continuously monitored, and extend all possible help to those affected.
इस हादसे के बाद पीएमओ ने ट्वीट किया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने मोरबी में हुई दुर्घटना के संबंध में बात की. उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल जुटाने, स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने को कहा है.
सीएम ने किया ये ट्वीट
इस हादसे पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट किया- मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज गिरने की घटना से दुखी हूं. बचाव-राहत कार्य चल रहा है. घायलों के तुरंत इलाज के लिए जरूरी निर्देश दे दिए हैं. मैं इस घटना को लेकर जिला प्रशासन के सतत संपर्क में हूं.
अमित शाह ने जताया दुख
मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूँ। इस विषय में मैंने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुँच रही है। प्रशासन को घायलों को तुरंत उपचार देने के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं. इस विषय पर मैंने गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी व अन्य अधिकारियों से बात की है. स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुंच रही है. प्रशासन को घायलों को तुरंत उपचार देने के निर्देश दिए हैं.’
वहीं कांग्रेस सांसद ने भी इस हादसे को लेकर ट्वीट करके दुख व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा, ‘गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुःखद है. ऐसे मुश्किल समय में मैं सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें और लापता लोगों की तलाश में मदद करें.
मोरबी का यह झूलता पुल 140 साल से भी पुराना है और इसकी लंबाई लगभग 765 फीट है. 20 फरवरी 1879 को मुंबई के तत्कालीन गवर्नर रिचर्ड टेंपल के हाथों इस पुल की नींव रखी गई थी. बताया जाता है कि उस समय इस पुल के निर्माण में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये का खर्च आया था. यह पुल दरबारगढ़ से नजरबाग को जोड़ता है, जिसे बनाने के लिए तब इंग्लैंड से सामान मंगाया गया था.
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